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Wednesday, February 1, 2023

BharOS kya hota hai, BharOS कैसे काम करता है

हेलो फ्रेंड्स आज हम आप लोगों को भारत के अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) बारे में बताऊंगा


BharOS  kya hota hai 

प्रिलिम्स के लिये:

BharOS Operating System, Google and iOS, Self-reliant India, Indigenous Mobile Operating System.

मेन्स के लिये:

BharOS Operating System

BharOS  Why in discussion?

हाल ही में IIT Madras-Incubated Companyने  तैयार किया है।

BharOS: Introduction

Introduction BharOS

यह Android या iOS की तरह एक My country अपने देश का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) है। जो कि तैयार किया गया है यह confidentiality और Security पर आधारित है 

जैसे कि हमें कोई मोबाइल चलाने के लिए उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम होना बहुत जरूरी होता है तो एक मोबाइल में एक ही ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जो  कि Google द्वारा Android और Apple द्वारा iOS जैसे स्मार्टफोन पर कोर interface है इनका अपना प्रिंटिंग सिस्टम है, ऑपरेटिंग सिस्टम जो सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए smart fone कस्टमर को अपने डिवाइस के साथ बातचीत करने और इसकी सुविधाओं तक पहुँचने में मदद करता है।

BharOS India-based उपयोगकर्त्ताओं के लिये एक सुरक्षित OS वातावरण बनाकर 'self dependent भारत' के विचार की दिशा में एक योगदान है।

वर्तमान में BharOS सेवाएँ उन organizations को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें confidentiality और सुरक्षा की अधिक आवश्यकता है तथा जिनके उपयोगकर्त्ता Sensitive जानकारी रखते हैं जिसके लिये मोबाइल पर प्रतिबंधित एप पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है।

ऐसे users को निजी  5G नेटवर्क के माध्यम से निजी cloud services तक पहुँच की आवश्यकता होती है। 

विशेषताएँ: 

native over the air BharOS

BharOS नेटिव ओवर द एयर (NOTA) अपडेट की पेशकश करेगा, जिसका अर्थ है कि users को अद्यतन जाँच करने और उन्हें स्वयं लागू करने के बजाय Security अपडेट तथा बग फिक्स स्वचालित रूप से install हो जाएंगे। 

No Default App: BharOS

नो डिफाल्ट एप (NDA) Settings का अर्थ है कि users को इस Mobile ऑपरेटिंग सिस्टम में पहले से install एप्स को रखने या इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं है। 

NDA important है क्योंकि आज अन्य स्मार्टफोन के साथ आने वाले कई pre-installed एप bloatware के रूप में कार्य करके डिवाइस को धीमा कर सकते हैं या बैटरी लाइफ को कम कर सकते हैं।

BharOS के लिये NDA design का उपयोग करने का निर्णय intentionally किया गया था क्योंकि यह users को एप पर faith और उनके फोन पर stored डेटा के प्रकार के आधार पर उनके मोबाइल फोन में एप्स पर अधिक Control प्रदान करेगा।

Private App Store Services: : BharOS

यह निजी एप Store सेवाएँ (Private App Store Services- PASS) नाम से एक system का उपयोग करेगा, जो users के लिये सुरक्षित उन एप्स की जाँच और संयोजन करेगा।

जब तक user BharOS के standards को पूरा करते हैं, तब तक वे अन्य Apps का उपयोग करने में सक्षम होंगे।  

 BharOS Significance:
परियोजना का उद्देश्य smart fone में foreign OS पर dependency को कम करना और local रूप से विकसित Technology के उपयोग को बढ़ावा देना है।

यह एक स्थानीय ecology तंत्र और self dependent भविष्य बनाने के लिये बड़ी achievement है।

यह India को उन कुछ देशों के equal रखने की क्षमता रखता है जिनके पास Present में ऐसी Achievements हैं। 

BharOS is different from Google Android:

BharOS एंड्रॉइड open-source project (AOSP) पर आधारित है और कुछ हद तक google android जैसा ही है। हालाँकि यह नियमित Google Android Phone की तरह Google services के साथ पहले से लोड नहीं रहता है। इसलिये BharOS user अपनी पसंद के Apps को download कर सकते हैं, न कि कोई ऐसा एप जिसके लिये वे forced हों।

स्टॉक Operating System वाले Android फोन में आमतौर पर क्रोम (Chrome) को default browser के रूप में सेट किया जाता है। BharOS के निर्माता ‘डक डक गो’ (DuckDuck Go) को default browser के रूप में स्थापित करने के लिये उसके साथ Partnerships करने पर विचार कर रहे हैं।

DuckDuckGo एक Privacy-Focused पर केंद्रित browser है, जिसमें कई browsing mode हैं।

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