सूर्यकुमार यादव को T-20 इंटरनेशनल में भारत का उपकप्तान बनाए जाने पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। उसे कप्तानी करने के लायक खिलाड़ी नहीं कहा जा रहा है। आलोचकों का मानना है कि सूर्या मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाजी नहीं कर पाते, ऐसे में उनकी खुद की जगह टीम इंडिया में सुरक्षित नहीं है। एक खिलाड़ी जिसे भारत के लिए खेलते हुए बमुश्किल डेढ़ साल हुआ है, उसे उपकप्तान बनाने का निर्णय पूरी तरह गलत है। आज हम तमाम आलोचकों के आरोपों का करारा जवाब देंगे।
2022 T-20 वर्ल्ड कप में विराट कोहली के बाद सूर्यकुमार यादव भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। T-20 वर्ल्ड कप के 6 मैचों में ही SKY ने 239 रन बनाए थे। इस दौरान सूर्या का स्ट्राइक रेट 190 का था। आज तक किसी बल्लेबाज ने सूर्या के अलावा टॉप ऑर्डर में खेलते हुए वर्ल्ड कप के इतिहास में 190 के स्ट्राइक रेट से बैटिंग नहीं की। सूर्यकुमार यादव का रणजी में डेब्यू 2010 में हुआ था, जब वे 20 साल के थे।
रणजी डेब्यू के बाद भारतीय टीम में जगह बनाने में उन्हें 11 साल लग गए। इस दौरान सूर्यकुमार यादव लगातार घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन करते रहे। 2021 में उनका चयन भारत की अंतर्राष्ट्रीय टीम में हुआ। उन्होंने कभी किसी IPL टीम की भी कप्तानी नहीं की है, लेकिन भारतीय टीम में आने के बाद वे डेढ़ साल के भीतर ही उप कप्तान बन गए हैं। यह बात कई आलोचकों को पच नहीं रही है। वे लोग किसी भी सूरत में सूर्या से उपकप्तानी छीनने की बात कर रहे हैं।
31 साल की उम्र में डेब्यू और 32 साल की उम्र में दुनिया का नंबर वन T-20 बल्लेबाज। सूर्यकुमार यादव से पहले दुनिया का कोई खिलाड़ी इतनी जल्दी शीर्ष पर नहीं पहुंचा था। सूर्यकुमार यादव के 2022 के टी-20 इंटरनेशनल के प्रदर्शन को देखें, तो उन्होंने 30 मैचों में 1151 रन बनाए। 2 शतक और 9 अर्धशतक जड़ा। यानी 11 बार 50 से अधिक रनों की पारी खेली। स्ट्राइक रेट 188 का रहा। भारत के लिए सेकंड डाउन बल्लेबाजी करने वाले सूर्या 6 बार नाबाद भी लौटे। सूर्यकुमार यादव ने इस साल T-20 इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा 105 चौके और 67 छक्के लगाए। पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान 996 रन के साथ दूसरे स्थान पर रहे।
सूर्यकुमार 2022 में टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 1000 से अधिक रन बनाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। अपने टी-20 करियर में सूर्यकुमार ने अब तक 42 मैचों की 40 पारियों में 44 की औसत और 180.97 की स्ट्राइक रेट से कुल 1408 रन बनाए है। इस दौरान उनके बल्ले से 12 अर्धशतक और 2 शतक निकले हैं। अपनी 40 पारियों में 131 चौके और 80 छक्के जड़ने वाले सूर्यकुमार का क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में व्यक्तिगज निजी स्कोर 117 रन है।
हकीकत तो यह है कि जब 2011 में सूर्यकुमार यादव ने रोहित शर्मा के साथ मुंबई की तरफ से खेलते हुए ताबड़तोड़ 73 रन बनाकर 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब जीता था, उसी वक्त वह क्रिकेट प्रेमियों की निगाह में आ गए थे। फिर उसी साल रणजी ट्रॉफी में सूर्या सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इसके बावजूद कि घरेलू क्रिकेट में सूर्यकुमार यादव लगातार झंडे गाड़ रहे थे, बीसीसीआई और चयनकर्ताओं का ध्यान उनकी तरफ कभी नहीं गया। सूर्यकुमार यादव के 10 साल बर्बाद करने के बाद 2021 में उनका टीम इंडिया में चयन किया गया और इस खिलाड़ी ने टीम में जगह परमानेंट करने के 1 साल के भीतर नंबर वन T-20 बल्लेबाज बनने का गौरव हासिल कर लिया। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
सूर्यकुमार यादव जैसी बल्लेबाजी करते हैं, वैसा क्रिकेट की दुनिया में कभी नहीं देखा गया। उनकी तुलना जरूर एबी डिविलियर्स से की जाती है लेकिन सूर्या के कुछ शॉट्स डिविलियर्स ने भी कभी नहीं खेले। सूर्या आसानी से अपनी फिटनेस के बूते आने वाले 7-8 वर्षों तक भारतीय टीम की कमान संभाल सकते हैं। उम्मीद है कि बीसीसीआई पहले वाली भूल नहीं दोहराएगा। आलोचकों के छाती पीटने के बावजूद सूर्यकुमार यादव को लगातार T-20 इंटरनेशनल में लीडरशिप का मौका दिया जाएगा।
यूं ही लगातार मचाएगा अपने बल्ले से पूरा तांडव
भारत को कई मैचों में जिताएगा सूर्यकुमार यादव ❤️
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