इंडियन टीम मैनेजमेंट ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे से सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन को बाहर कर दिया है। केएल राहुल को बतौर विकेटकीपर टीम में शामिल किया है। अब मामला यह है कि मुद्दा श्रीलंका को वनडे सीरीज में हराने का बिल्कुल नहीं है। क्या भारत जिन खिलाड़ियों पर भरोसा कर रहा है, वे ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को साल के आखिर में होने वाला वनडे वर्ल्ड कप दिला सकते हैं। कहा गया था कि टी-20 वर्ल्ड कप 2022 सेमीफाइनल बुरी तरह हारने के बाद भारतीय टीम के नजरिए में बड़ा बदलाव नजर आएगा। पर अब तक यही नजर आया है कि जो खिलाड़ी धमाकेदार प्रदर्शन के बूते 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब पाता है, उसे अगले मुकाबले की टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। क्या इस फैसले से ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों का हौसला नहीं टूटेगा?
आपको 10 दिसंबर, 2022 में लिए चलते हैं। भारत बांग्लादेश से पहले 2 वनडे मुकाबले हार चुका था। सीरीज के अंतिम मैच में बचा-खुचा सम्मान बचाने की खातिर पहली बार ईशान किशन को टीम में मौका दिया गया था। ईशान ने बतौर ओपनर 131 गेंदों पर 210 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी। 160 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग करते हुए उन्होंने 10 छक्के और 24 चौके लगाए थे। उस वक्त पूरा देश ईशान किशन की प्रतिभा देखकर दंग रह गया था और सबको लगा था कि ईशान को अब कम से कम वर्ल्ड कप से पहले लगातार 10 वनडे मुकाबले खेलने का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद ही उनके भविष्य पर कोई फैसला लिया जाएगा। पर दोहरा शतक लगाने के ठीक बाद अगले वनडे से ईशान को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इससे ज्यादा नाइंसाफी और क्या हो सकती है?
सूर्यकुमार यादव ने 2 दिन पहले इसी श्रीलंका के खिलाफ 51 गेंदों पर 9 छक्कों और 7 चौकों की मदद से नाबाद 112 रन जड़ दिए थे। इस दौरान उन्होंने 219 की स्ट्राइक रेट से ताबड़तोड़ प्रहार किए थे। लगा था कि इस खिलाड़ी को वनडे सीरीज में इस धमाकेदार प्रदर्शन का ईनाम दिया जाएगा, पर सब बेमानी। अगर सूर्यकुमार यादव की बात करते हैं, तो ऐसा लगता है कि टीम मैनेजमेंट उनसे खुन्नस खाकर बैठा है। पहले तो इस होनहार खिलाड़ी के 10 साल बर्बाद कर दिए। फिर भी जब सूर्यकुमार यादव ने T-20 इंटरनेशनल में डेब्यू के लगभग साल भर के भीतर नंबर वन आईसीसी बल्लेबाज का ओहदा हासिल कर लिया, तो सूर्या को केवल टी-20 फॉर्मेट का बल्लेबाज साबित करने पर टीम मैनेजमेंट अड़ गया है।
यकीन नहीं आता है तो आंकड़ों पर नजर डालिए। 14 मार्च, 2021 को भारत के लिए T-20 इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले सूर्या इस फॉर्मेट में देश के लिए अब तक 45 मुकाबले खेल चुके हैं। जबकि, 18 जुलाई 2021 को वनडे डेब्यू करने वाले सूर्यकुमार यादव को अब तक केवल 16 ODI मुकाबले खेलने का मौका दिया गया है। इस बीच उन्हें कभी लगातार भारत के 4 वनडे मुकाबलों की टीम में शामिल नहीं किया गया है। यह क्या है? सूर्यकुमार यादव को जब वनडे में खुद को साबित करने का अवसर ही नहीं दिया जाएगा, तो स्वाभाविक तौर पर वर्ल्ड कप की टीम में उनका चयन नहीं हो पाएगा।
जिस खिलाड़ी ने अपने पिछले इंटरनेशनल मुकाबले में क्रिकेट इतिहास के किसी भी फॉर्मेट में सबसे तेज 843 गेंदों पर 1500 रन बनाने का कारनामा किया हो, उसे वनडे टीम से नजरअंदाज किया जाना सरासर अन्याय है। वनडे करियर की अपनी 15 पारियों में अब तक सूर्यकुमार यादव ने 384 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 41 चौके और 6 छक्के आए हैं। अगर सूर्यकुमार यादव को निरंतर इस फॉर्मेट में खेलने का अवसर दिया जाएगा, तो वह अपने दम पर भारत के लिए मैच बदलकर दिखाएगा। वाइट बॉल से खेले जाने वाले T-20 इंटरनेशनल में जिस बल्लेबाज ने 43 पारियों में 180 की स्ट्राइक रेट से 1578 रन बना दिए हैं, कोई शक नहीं कि वनडे में भी वह ऐसा ही कारनामा दोहरा सकते हैं।
वनडे क्रिकेट अब पूरी तरह बदल चुका है और वही टीम विश्व विजेता बन सकती है, जिसके पास आक्रामक बल्लेबाजी के बूते विरोधियों से मुकाबला छीनने की क्षमता हो। अपने अंतिम वनडे में दोहरा शतक जड़ने वाले ईशान और भारत के लिए आखिरी मुकाबले में शतकवीर सूर्या को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर टीम मैनेजमेंट इनफॉर्म खिलाड़ियों को निराश कर रहा है। टीम इंडिया के पास फिलहाल सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन से ज्यादा एग्रेसिव बल्लेबाज दूसरे नजर नहीं आते। ऐसे में उनके करियर के साथ खिलवाड़ बंद किया जाना चाहिए। वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए इन दोनों खिलाड़ियों को निरंतर टीम में अवसर दिया जाना चाहिए।
ईशान और सूर्य कुमार यादव जम कर तांडव मचाएंगे
दोनों शेर मिलकर भारत को ODI वर्ल्ड कप जिताएंगे ❤️
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