ट्रांसफार्मर का कार्य ,ट्रांसफार्मर क्या है
ट्रांसफॉर्मर :-अन्योन्य प्रेरण ( mutual induction ) के सिद्धान्त पर कार्य करने वाली ऐसी युक्ति है जो प्रत्यावर्ती धारा शक्ति ( A . C . Power ) को उच्च वोल्टेज से निम्न वोल्टेज पर अथवा निम्न वोल्टेज से उच्च वोल्टेज पर ट्रांसफर करती है । इस कार्य के लिए ट्रांसफॉर्मर में दो कुण्डलियों एक प्राइमरी ( primary ) तथा दूसरी सेकन्डरी ( secondary winding ) प्रयोग की जाती है । वोल्टेज परिवर्तन की क्रिया में टॉसफॉर्मर की इनपुट शक्ति एवं ट्रांसफॉर्मर से प्राप्त आउटपुट शक्ति बराबर रहती है अर्थात् ट्रांसफॉर्मर विद्युत ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं करता । ट्रांसफॉर्मर में प्राइमरी एवं सेकेन्डरी कुण्डलियाँ एक लौह क्रोड ( iron core ) पर लपेटी जाती है । जिस कुण्डली को A . C . वोल्टेज इनपुट दी जाती है वह प्राइमरी कुण्डली कहलाती है तथा वह कुण्डली जिससे आउटपुट प्राप्त होती है , सेकेन्डरी कुण्डली कहलाती है ।Transformer parts |
ट्रांसफॉर्मर के प्रकार ( Types of Transformer )
ट्रांसफॉर्मर के क्रोड ( core ) की संरचना के आधार पर ट्रांसफॉर्मर तीन प्रकार के होते हैं( 1 ) क्रोड टाइप ( Core type )
( 2 ) शैल टाइप ( Shell type )
( 3 ) बैरी टाइप ( Berry type )
ट्रांसफॉर्मर में लौह क्रोड का कार्य चुम्बकीय फ्लक्स के लिए निम्न प्रतिष्टम्भ ( low reluctance ) का पथ उपलब्ध कराना है । हम जानते हैं कि ठोस लौह कोर ( solid iron core ) में प्रत्यावर्ती धारा पर भंवर धारा एवं हिस्टेरेसिस हानियाँ उच्च होती है । अतः इन्हें कम करने के लिए लौह कोर लेमिनेटेड ( laminated ) किया जाता है । लेमिनेशन के लिए सिलिकॉन - स्टील मिश्र धातु प्रयुक्त की जाती है । सिलिकॉन - स्टील मिश्र धातु में सिलिकॉन की मात्रा उच्च होती है । लेमिनेशन का आकार ट्रांसफॉर्मर की संरचना के अनुसार होता है ।
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मुख्य लेमिनेशन के आकार निम्न हैं
( i ) E - type( ii ) I - type
( iii ) L - type
( iv ) U - type
( 1 ) कोर टाइप ट्रांसफॉर्मर ( Core Type Transformer )
Core type transformer applications |
इस प्रकार के ट्रांसफॉर्मर में प्राइमरी एवं सेकेन्डरी कुण्डलियाँ आयताकार ( rectangular ) , अण्डाकार ( egg shape ) अथवा वृत्ताकार ( circular ) होती है I कोर में 1 कोर में L ,U एवं I आकार की लेमिनेशन प्रयुक्त की जाती है ।
( 2 ) शैल टाइप ट्रांसफॉर्मर ( Shell Type Transformer )
Shell type Transformer in Hindi |
शैल टाइप ट्रांसफॉर्मर :- शैल टाइप ट्रांसफॉर्मर में दो चुम्बकीय पथ बनते हैं । ट्रासफार्मर की कुण्डलियाँ दोनों तरफ से कोर के बाहरी लिम्बन घिरी होने के कारण यह शैल टाइप ट्रांसफॉर्मर कहलाता । शेल टाइप ट्रांसफॉर्मर में फ्लक्स का क्षरण ( leakage ) बहुत कम होता है अतः इसका वोल्टेज नियमन ( volkata regulation ) कोर टाइप ट्रांसफॉर्मर की तुलना में उत्तम होता कार में लोहे की मात्रा अधिक होने के कारण यह ट्रांसफार्मर अधिक होते हैं ।
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