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Sunday, April 12, 2020

Computer definitions for students,What is computer system

Introduction and definition of computer  

. कम्प्यूटर क्या है ? ( What is Computer : ) कम्प्यूटर :-   एक स्वचालित Electronic मशीन है जो डाटा तथा The instructions को इनपुट के रूप में ग्रहण करता है , The instructions के अनुरूप उनका विश्लेषण करता है तथा आवश्यक परिणामों को निशित आरूप में Output के रूप में निर्गत करता है । यह डाटा , निर्देश ( Software ) तथा परिणामों को store भी करता है ताकि जैसी ज़रूरत इनका उपयोग किया जा सके । यह डाटा के संचयन ( storage ) तथा तीव्र गति और त्रुटि रहित ढंग से उसके व्याख्या का कार्य करता है ।
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कंप्यूटर परिभाषाओं  (Computer definitions)

 परिभाषा ( Definition ) :-  ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार , " Computer एक ऑटोमैटिक इलेक्ट्रानिक मशीन है , जो अनेक प्रकार की तर्क-पूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है । "
Computer एक Electronic मशीन है जो इनपुट के रूप में Data स्वीकार करता है , दिए गए The instructions के अनुरूप Data को प्रोसेस कर उसे जानकारी में बदलता है , डाटा तथा जानकारी  को future में प्रयोग के लिए भंडार  करता है तथा प्रोसेस किए गए परिणामों को आवश्यकतानुसार output  के रूप में निर्गत करता है ।

कम्प्यूटर के बुनियादी कार्य हैं - (The basic functions of a computer are)


  •  डाटा को input  के रूप में स्वीकार करना 
  • डाटा को दिए गए The instructions के अनुरूप प्रोसेस कर सूचना में बदलना
  •  डाटा और सूचना को future में उपयोग के लिए स्टोर करना 
  • सूचना का विश्लेषण कर out -put  के रूप में निर्गत करना  

                                 निर्देश
                                    ↓ 

  इनपुट   →               प्रोसेस              →  आउटपुट 


                                            कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली

 कंप्यूटर के विभिन्न घटकों का संचालन    (Operating various components of a computer)




 2 . कम्प्यूटर सिस्टम के घटक ( Components of Com : puter System ) :- 

                                                              computer  का Everyone घटक या तो hardware है या Software । किसी भी computer  सिस्टम को मुख्यतः 3 भागों में बांटा जा सकता है - 
  • हार्डवेयर 
  •  साफ्टवेयर
  •  डाटा 

    हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का परिचय (Introduction to hardware and software) 


    हार्डवेयर ( Hardware ) :-computer  मशीन का वह Physical भाग जिसे हम देख और छू ( Touch ) कर Feel कर सकते हैं , Hardware कहलाता है ।
जैसेकी - बोर्ड , माउस , मॉनीटर , सीपीयू , प्रिंटर , हार्ड डिस्क ड्राइव , मदरबोर्ड , प्रोसेसर , स्पीकर आदि 
साफ्टवेयर ( Software ) :- अनुदेशों और कार्यक्रम का समूह जो computer  को यह बतलाता है कि उसे क्या और कैसे करना है ,Software   कहलाता है । computer  का हार्ड -वेयर साफ्ट -वेयर के अनुदेशों के अनुसार ही काम करता है । एक ही हार्ड -वेयर अलग अलग साफ्ट -वेयर The instructions के आधार पर अलग - अलग कार्य कर सकता है । Software   को हम छू नहीं सकते और न ही Physical रूप में देख सकते हैं । इस प्रकार , हार्ड -वेयर यदि computer  का शरीर है तो साफ्ट -वेयर उसकी प्राण है ।

डाटा की परिभाषा 

 डाटा ( Data ) :- डाटा कच्चे तथ्यों ( raw facts ) और सूचनाओं का Disorganized संकलन है जिससे कोई सार्थक परिणाम  नहीं निकाला जा सकता । 
डाटा को 2 प्रकार में विभाजित किया जा सकता है

  •  संख्यात्मक डाटा ( Numerical data ) 
  •  चिह्नात्मक डाटा ( Alphanumeric data )

 ( i ) संख्यात्मक डाटा ( Numerical data ) :- यह अंकों से बना डाटा है जिसमें 0 , 1 , 2 , . . . . . . , 9 तक अंकों का उपभोग किया जाता है । इस तरह के डाटा पर हम Arithmeticक्रियाएं कर सकते हैं । जैसे - विद्यार्थियों का प्राप्तांक , employees का वेतन आदि । 
( ii ) चिह्नात्मक डाटा ( Alphanumeric data ) :- इसमें अक्षरों , अंकों तथा Markings का प्रयोग किया जाता है । इसमें Arithmetic क्रियाएं नहीं की जा सकती , पर इनकी मिलान की जा सकती है । जैसे - employees का पता । 

सूचना ( Information )

सूचना ( Information ):-  डाटा का उपयोग के आधार पर किये गये पृथक्करण और संकलन के बाद प्राप्त तथ्यों को information कहते हैं । इस प्रकार , डाटा तितर-बितर तथ्य है जबकि सूचना यथाक्रम डाटा है जो प्रयोग करने वालों के लिए उपयोगी होता है । 
सूचना प्राप्ति ( Information Retrieval ) :- As required सूचना को पुनः प्राप्त करने की विधि सूचना प्राप्ति कहलाता है ।

डाटा की परिभाषा  (Definition of data)

 डाटा प्रोसेसिंग ( Data Processing ) :- data  का उपयोगिता के आधार पर किया जाने वाला पृथक्करण डाटा Processing कहलाता है ।

                                                                डाटा प्रोसेसिंग      

 डाटा प्रोसेसिंग तथ्यों का संकलन →  डाटा          सूचना 

इलेक्ट्रानिक  डाटा प्रोसेसिंग( Electronic Data Procesing ) :- Electronic विधि से data  का विश्लेषण Electronic डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है ।
अनुदेश ( Instruction ) :- कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए दिए गए Orders को उपदेश कहा जाता है ।
प्रोग्राम ( Program ) :-कम्प्यूटर को दिए जाने वाले Instructionsके समूह को कार्यक्रम कहा जाता है ।
साफ्टवेयर ( Software ):- कार्यक्रम के समुच्चय को , जो computer  के विभिन्न कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होता है , साफ्ट -वेयर कहा जाता है ।

कम्प्यू टर की विशेषता ( Characteristicsof Computer )


 कम्प्यू टर की विशेषता ( Characteristicsof Computer ) 
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Computer features
( 1 ) गति ( Speed ) :- computer एक Second में लाखों गणनाएं कर सकता है । किसी humans द्वारा पूरे साल में किए जाने वाले work  को कम्प्यूटर कुछ ही Second में कर सकता है । computer प्रोसेसर के स्पीड को ( Hz ) में मापते हैं । Present  Time में कम्प्यूटर Nano seconds में गणनाएं कर सकता है । Computer  की गति को एक Second में प्रोसेस किए गए instructions की संख्या के आधार पर मापा जाता है । Present में कम्प्यूटर एक Second में 10 लाख ( Million ) से भी अधिक instructions को प्रोसेस कर सकता है । अतः computer  की चाल को MIPS ( Million Instructions Per Sec ond ) में मापा जाता है ।
( 2  ) स्वचालित ( Automatic ) :- computer  एक स्वचालित मशीन है जिसमें हिसाब के दौरान मानवीय हस्तक्षेप की संभावना जरा-सा रहती है । हालाकि computer  को कार्य करने के लिए Instructions मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं , पर एक बार आदेश दिये जाने के बाद वह बिना Stop work कर सकता है ।
 ( 3  ) त्रुटि रहित कार्य ( Accuracy ) :- कम्प्यूटर की गणनाएं लगभग Birha होती हैं । गणना के दौरान अगर कोई दोष  पायी भी जाती है तो वह प्रोग्राम या data  में मानवीय भूल के कारण होती है । अगर data  और ओमाम सही है तो computer  हमेशा सही नतीजा ही देता है । कभी - कभी वायरस ( Virus ) के कारण भी कम्प्यूटर में  दोष  आ जाती हैं ।
 ( 4  ) स्थायी भंडारण क्षमता ( Permanent Storage ) :- कम्प्यूटर में प्रयुक्त स्मृति को data  , सूचना और निर्देशों के स्थायी संचयन के लिए प्रयोग किया जाता है । इलेक्ट्रानिक तरीके से Stored की जाती है , अतः सूचना के समाप्त या विनष्ट होने की अनुमान कम रहती है ।
( 5 ) विशाल भंडारण क्षमता ( Large Storage Capacity ) :- computer  के बाहरी ( external ) तथा अंदरूनी ( internal ) संग्रहण साधन ( हार्ड डिस्क , फ्लापी डिस्क , मैग्नेटिक टेप , सीडी रॉम ) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संकलन किया जा सकता है । कम्प्यूटर में Notifications कम स्थान घेरती हैं , अतः इसकी संचयन  क्षमता विशाल और असीमित है ।
 ( 6  ) भंडारित सूचना को तीव्रगति से प्राप्त करना ( Fast retrieval ):-कम्प्यूटर प्रयोग द्वारा कुछ ही Second में भंडारित सूचना में से आवश्यक जानकारी को प्राप्त किया जा सकता है । रैम ( RAM - Random Access Memory ) के प्रयोग से यह काम और भी सरल हो गया है ।
(7 ) जल्द निर्णय लेने की क्षमता ( Quick decision ) :- कम्प्यूटर हालत का विश्लेषण कर पूर्व में दिये गये निर्देशों के आधार पर Intenseनिर्णय की क्षमता रखता है ।
( 8  ) विविधता ( Versatility ) :- कम्प्यूटर की मदद से विभिन्न प्रकार के काम संपन्न किये जा सकते हैं । आधुनिक कम्प्यूटरों में अलग - अलग तरह के काम एक साथ करने की क्षमता है ।
 (9  ) पुनरावृत्ति ( Repetition ) : कम्प्यूटर को हुक्म देकर एक ही तरह के कार्य बार - बार समान Reliability और तीव्रता से कराये जा सकते हैं ।
 ( 10 ) स्फूर्ति ( Agility ) :- कम्प्यूटर एक मशीन होने के कारण Human दोषों से रहित है । इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती है और हर बार समान क्षमता से Workकरता है ।
 ( 11 ) गोपनीयता ( Secrecy ) :-  Password  के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के काम को रहस्यमय बनाया जा सकता है । रहस्यमय के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल रहस्यमय जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है ।
 ( 12 ) कार्य की एक रूपता ( Uniformity of work ) :-बार - बार तथा लगातार एक ही काम करने के बावजूद कम्प्यूटर के काम की Quality पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है ।
 ( 13 ) विश्वसनीयता ( Reliability ) :- कम्प्यूटर प्रोसेस के पश्चात् सही व विश्वसनीय परिणाम देता है तथा गलती की संभावना नगण्य होती है ।
 ( 14 ) कागज के प्रयोग में कमी ( Paperless Work ) :- कम्प्यूटर के सही प्रयोग से कागज की उपभोग में कमी की जा सकती है जिससे पर्यावरण protection में भी मदद मिलती है ।


 कम्प्यू टर की सीमाएं ( Limitations of the Computer )

 कम्प्यू टर की सीमाएं ( Limitations of the Computer )
( i ) बुद्धिहीन ( Nomind )
( ii ) खर्चीला ( Expensive )
( iii ) वायरस का खतरा ( Immune tovirus )
( iii ) वायरस का खतरा ( Immune tovirus )
( iv ) विद्युत पर निर्भरता ( Depends on Electricity )
 ( i ) बुद्धिहीन ( Nomind ) :- कम्प्यूटर में स्वयं की विचार और फ़ैसला लेने की क्षमता नहीं होती । यह केवल दिये गये दिशा instructions के अंदर ही काम कर सकता है ।
( ii ) खर्चीला ( Expensive ) : कम्प्यूटर के हार्ड -वेयर तथा साफ्ट -वेयर काफी महंगे होते हैं तथा इन्हें समय - समय पर As required परिवर्तित भी करना पड़ता है ।
( iii ) वायरस का खतरा ( Immune tovirus ) : कम्प्यूटर में Virus का खतरा बना रहता है जो सूचना और  instructions  को Visible या समाप्त कर सकता है । ये Virus कम्प्यूटर की संचयन क्षमता को भी प्रभावित करते हैं । हालांकि Antivirus साफ्ट-वेयर ( Antivirus Software ) का प्रयोग कर इससे बचा जा सकता है ।
( iv ) विद्युत पर निर्भरता ( Depends on Electricity ) : कम्प्यूटर अपने कार्य के लिए बिजली पर निर्भर करता है तथा इसके अभाव में कोई भी Work done कर पाने में सक्षम नहीं है ।
Computer access in hindi
Meaning of computer

 कम्प्यूटर के अनुप्रयोग ( Applications of Computer ) 

कम्प्यूटर के अनुप्रयोग ( Applications of Computer )  :-कम्प्यूटर का प्रयोग तरह तरह  क्षेत्रों में किया जा रहा है । मौजूदा में , संभवतया ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां कम्प्यूटर का उपभोग नहीं किया जा रहा है । निम्नलिखित क्षेत्रों में computer  का विभिन्न अनुप्रयोग किया जा रहा है :
( 1 ) डाटा प्रोसेसिंग ( Data Processing ) : बड़े और विशाल परिगणन विद्या-संबंधी डाटा से सूचना तैयार करने में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है । मनुष्यगणन , सांख्यिकीय विश्लेषण , परीक्षाओं के परिणाम आदि में इसका प्रयोग किया जा रहा है ।
 ( 2 ) सूचनाओं का आदान - प्रदान ( Exchange of Infor mation ) : संचयन की विभिन्न पद्धतियों के विकास और कम स्थान घेरने के कारण ये सूचनाओं के लेन-देन के बेहतर माध्यम साबित हो रहे हैं । इंटरनेट ( Internet ) के विकास ने तो इसे ' सूचना का राजपथ ' ( Information Highway ) बना दिया है ।
( 3 ) शिक्षा ( Education ) : मल्टीमीडिया ( Multimedia ) के वृद्धि और कम्प्यूटर आधारित शिक्षा ने इसे students  के लिए उपयोगी बना दिया है । डिजिटल लाइब्रेरी ने पुस्तकों की Universality सुनिश्चित की है ।
( 4 ) वैज्ञानिक अनुसंधान ( Scientific Research ) : विज्ञान के अनेक मिश्रित रहस्यों को ठीक करना में कम्प्यूटर की सहायता ली जा रही है । कम्प्यूटर में हाल का उचित आकलन भी संभव हो पाता है ।
( 5 ) रेलवे और वायुयान आरक्षण ( Railway and Air lines Reservation ) : कम्प्यूटर की मदद से किसी भी स्थान से अन्य स्थानों के रेल-मार्ग और Airplane के टिकट लिये जा सकते हैं तथा इसमें गलती की मुमकिन होना भी नगण्य है ।
( 6) बैंक ( Bank ) : कम्प्यूटर के Applications ने बैकिंग क्षेत्र में के क्रांति ला दी है । एटीएम ( ATM - Automatic Teller Machine ) तथा Online बैंकिंग , चेक के भुगतान  इ . सी . एस . ( Electronic  Clearing Service ) , रुपया गिनना तथा Passbook  इंट्री में कम्प्यूटर  का प्रयोग किया जा रहा है ।

रोचक तथ्य
 हर क्षेत्र में कम्प्यूटर के Wahd अनुप्रयोग के कारण सर्वाधुनिक युग को ' कम्प्यूटर युग ' ( Computerage ) की संज्ञा दी जाती है तथा कम्प्यूटर Based on सूचना तकनीक को Information Tech nology कहा जाता है  

( 7 ) चिकित्सा ( Medicine ) : शरीर के भीतर के रोगों का पता लगाने , उनका विश्लेषण और निदान में कम्प्यूटर का विस्तृत प्रयोग हो रहा है । सीटी स्कैन , अल्ट्रासाउंड , एक्स - रे तथा विभिन्न जांच में कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है ।
( 8) रक्षा ( Defence ) : Computers are being used in defense research, aircraft control, missiles, radar etc.
( 9 ) अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ( Space Technology ) : Due to the rapid computing capability of the computer, only a small study of planets, satellites and space events can be done. Computer is also being used in artificial satellites.
( 10 ) संचार ( Communication ) : आधुनिक संपर्क व्यवस्था कम्प्यूटर के प्रयोग के विना संभव नहीं है । टेलीफोन और इंटरनेट ने संचार क्रांति को जन्म दिया है । तंतु प्रकाशिकी संचरण ( Fiberoptics communication ) में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है ।
( 11 ) उद्योग व व्यापार ( Industry & Business ) : उद्योगों में कम्प्यूटर के प्रयोग से बेहतर गुणवत्ता वाले वस्तुओं का निर्माण - संभव हो पाया है । व्यापार में कार्यों और Stock का हिसाब किताब रखने में कम्प्यूटर सहयोगी सिद्ध हुआ है ।
 ( 12 ) मनोरंजन ( Recreation ) : सिनेमा , टेलीविजन के कार्यक्रम , वीडियो गेम में कम्प्यूटर का उपयोग कर प्रभावी बहलाव  प्रस्तुत किया जा रहा है । मल्टीमीडिया के प्रयोग ने कम्प्यूटर को मनोरंजन का प्रकृष्ट साधन बना दिया है ।
( 13 ) प्रकाशन ( Publishing ) : प्रकाशन और छपाई में कम्प्यूटर का प्रयोग इसे आरामदायक तथा आकर्षक बनाता है । रेखाचित्रों और ग्राफ का बनावट अब आरामदायक हो गया है ।
( 14 ) प्रशासन ( Administration ) : प्रशासन में पारदर्शिता लाने , सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने तथा विभिन्न प्रशासनिक कलपुर्जे की बनावट में बेहतर तालमेल के लिए ई - प्रशासन ( e - govermance ) का उपयोग computer  की सहायता से ही संभव हो पाया है ।
क्या आप जानते हैं ? हिंदुस्तान में संगणक का प्रथम प्रयोग 16 अगस्त , 1986 को बंग्लुरू के प्रधान डाकघर में किया गया । जबकि हिंदुस्तान का । ' प्रथम पूर्ण कम्प्यूटरीकृत डाकघर नई दिल्ली है । ( 15 ) डिजिटल पुस्तकालय ( Digital Library )किताब को अकीय स्वरूप प्रदान कर उन्हें निहायत कम स्थान में अधिक समय के लिए सुदृढ़ रखा जा सकता है । इसे इंटरनेट से जोड़ देने पर  किसी भी स्थान से पुस्तक संग्रह  में संग्रहित सूचना को प्राप्त किया जा सकता है । 
आजकल शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा , जिसमें computer  का प्रयोग नहीं किया जा रहा है । पर्यावरण , पुस्तकालय , यातायात , पुलिस प्रशासन , मौसम विज्ञान , संगीत , चित्रकला , ज्योतिष , इंजिनियरिंग डिजाइन आदि अनेक क्षेत्रों में computer  का प्रयोग किया जा रहा है ।
 कम्प्यूटर के अनुप्रयोग के प्रभाव ( Impact of Computerisation )
( 1) समय की बचत : चूंकि कम्प्यूटर के काम करने की गति अत्यंत विकट है , अतः मनुष्य द्वारा एक साल में पूरा किए जाने वाले काम को कम्प्यूटर की सहायता से कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है ।
 ( 2 )त्रुटि रहित कार्य : कम्प्यूटर के प्रयोग से काम में  ( error ) की संभावना नगण्य हो जाती है । जो त्रुटि होती भी है , वह गलत डाटा या गलत प्रो -ग्राम का परिणाम है जिसे समानता कर सही किया जा सकता है ।
 ( 3 ) कार्य की गुणवत्ता : चूंकि कम्प्यूटर हर बार समान Quality से कार्य करता है , अतः बार - बार एक ही कार्य को करने के पश्चात् भी  उत्पाद की गुणवत्ता पर कोई -असर नहीं होता है ।
 ( 4 ) कागज की बचत : डाटा संग्रहण के Electronic विधियों के उपयोग और उनकी विशाल संचयन क्षमता के कारण कम्प्यूटर के प्रयोग से Paper की बचत संभव हो पाती है ।
 ( 5 ) बेरोजगारी : यह कम्प्यूटर के ब्योरेवार अनुप्रयोग का एक ऋणात्मक प्रभाव है । एक कम्प्यूटर द्वारा सैकड़ों लोगों का काम  किया जा सकता है जिससे लोगों की सहारा पर प्रभाव पड़ता है । परन्तु वैकल्पिक व्यवस्था और उचित विकास द्वारा इस पर काबू पाया जा सकता है । दूसरी तरफ , computer  से संबंधित क्षेत्रों में रोजगार का सृजन भी किया जा सकता है ।

  (कंप्यूटर साक्षरता हिंदी में )Computer Literacy in Hindi

कम्प्यूटर साक्षरता का अर्थ है - कम्प्यूटर और उससे संबंधित प्रविधि का दैनिक जीवन में उपयोग कर पाने में सक्षम होना । एक कम्प्यूटर शिक्षित व्यक्ति कम्प्यूटर की कार्यक्षमता को जानता है तथा प्रतिदिन के कायों के लिए उसे निर्देश दे सकने में सक्षम होता है । कम्प्यूटर शिक्षित को डिजिटल शिक्षित  ( Digital Literacy ) भी कहा जाता है ।
 एन्ड यूजर ( End User )  The person who is not usually a computer expert, but uses computer and related technology and information received in daily life, is called end user. Computer hardware and its applications are built keeping in mind the end user.। 
 डिजिटल डिवाइड ( Digital Devide ) -Computer usage is increasing rapidly in daily life. Yet most of the people of the world have not benefited from computers. The difference between the use of computer and its related technology and the people who are not deprived of it is called digital divide. According to a report, 47% of the people in the world use internet service, whereas in India only 30% people have access to internet. However, India ranks second after China in terms of the number of users using the Internet service.

रोचक तथ्य :- भारत में पहला कम्प्यूटर भारतीय सांख्यिकी संस्थान ( In | dian Statistical Institute ) कलकत्ता में सन 1956 में स्थापित किया गया था 



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