Video Of Day

Responsive Ads Here

Friday, April 10, 2020

EMF equation of transformer in hindi,step Up and Step Down Transformer

ट्रांसफॉर्मर की वि०वा०बल की समीकरण ( E . M . F . Equation of Transformer )

                                                                           ट्रांसफॉर्मर की प्राइमरी कुण्डली में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित करने पर प्राइमरी में एक स्वः प्रेरित वि . वा . बल उत्पन्न होता है जिसकी समीकरण निम्न है
E1= 4 . 44Φmf N1Volts
यहां Φ - कोर में उत्पन्न अधिकतम फ्लक्स
N1 - प्राइमरी कुण्डली में टर्न की संख्या
f - सप्लाई आवृत्ति
इसी प्रकार सेकेन्डरी कुण्डली में प्रेरित वि० वा . बल  E2 = 4 . 44ΦmN2 , Volts 

Step up transformer in Hindi
Step up transformer definition


उपरोक्त वि० वा . बल समीकण निम्न प्रकार भी लिखी जा सकती है

 E1 = 4 . 44 BMAfN1 , Volts | (Φ = BA ) तथा E2 = 4 .44 BMANVolts
ट्रांसफॉर्मर में फ्लक्स घनत्व Bm का मान प्रायः ट्रांसफॉर्मर की उपयोगिता पर निर्भर करता है । उदाहरणतः शक्ति ट्रांसफॉर्मर ( power transformer ) में Bm . का मान 1 . 1 wb / m2 से 1 . 4 wh / m2 तक होता है जबकि एक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर में Bm . का मान 0 . 9wb / m2 ' से 1 .1wb / m2 तक होता है ।


यह भी पढ़ें - ट्रांसफॉर्मेशन किसे कहते हैं

 ट्रांसफार्मेशन अनुपात ' K ' ( Transformation Ratio ) 

उपरोक्त वि० वा० बल समीकरणों से
 E1/E2 = N1/N2 =1/K
यहाँ ' K ' ट्रांसफॉर्मेशन अनुपात कहलाता है तथा इसका मान निम्न होता है

  स्टेप - अप तथा स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर (step Up and Step Down Transformer ) 

 ( 1 ) यदि K > 1 अर्थात् N2 , > N1 , तब यह Step UP ट्रांसफॉर्मर होगा ।
( 2 ) यदि K < 1 अर्थात्N2 <  N1 , तब यह Step Down ट्रांसफॉर्मर होगा ।
ट्रांसफॉर्मर में प्राइमरी एवं द्वितीयक कुण्डली में शक्ति व्यय जमान होता है तथा ट्रांसफॉर्मर का शक्ति गुणक द्वितीयक में प्रयुक्त का प्रकृति पर निर्भर करता है । यदि ट्रांसफॉर्मर का शक्ति क cospΦ है

. 3 . भार विहिन अवस्था में ट्रांसफॉर्मर ( Step down transformer ) 

भार विहिन अवस्था में अर्थात् ट्रांसफॉर्मर की सेके कोई भार संयोजित न होने की दशा में ट्रांसफॉर्मर की ' प्रत्यावर्ती धारा वोल्टेज एप्लाई करने पर प्राइमरी कुण्डली बहुत  कम धारा ( I0 ) प्रवाहित होती है ।
  में एक ट्रांसफॉर्मर का भार विहिन अवस्था डायग्राम प्रदर्शित किया गया है ।
( a ) धारा ट्रांसफॉर्मर की चुम्बन धारा कहलाती है कार्य ट्रांसफॉर्मर कोर में चुम्बकीय फ्लक्स उत्पन्न करना है

 ( b ) धारा ! ट्रांसफॉर्मर की क्रियाशील ( active ) धारा है । तथा यह कोर में होने वाली भंवर धारा एवं हिस्टेरेसिस हानियों की पूर्ति करती है ।
 यदि ट्रांसफॉर्मर का भार विहिन अवस्था में शक्ति गुणक Φ0 है तब भार हीन अवस्था में ट्रांसफॉर्मर द्वारा ली गई शक्ति w0 = V1lo cosΦ0

 ट्रांसफॉर्मर की भार पर क्रिया ( Transformer on Load ) 

जब ट्रांसफॉर्मर की सेकेन्डरी वाइडिंग पर कोई भार संयोजित किया जाता है तब सेकेन्डरी वाइंडिग में धारा I2 , प्रवाहित होती है । धारा I2 , के समानुपाती एक धारा I1 ' , प्रारम्भिक कुण्डली में प्रवाहित होती है । प्राइमरी कुण्डली में प्रवाह होने वाली कुल धारा ,I1 तथा I0 , का वेक्टर योग होती है ।

No comments:

Post a Comment